भारत में करोड़ों मंदिरे, जहां आपको हर देवी देवता देखने को मिल जाएंगे। मंदिरों में भगवान के हर रूप की बड़ी आस्था और विश्वास के साथ पूजा होती है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि देश में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां सिर्फ गायों और बैलों की ही पूजा की जाती हो तब आप क्या कहेंगे?
अबतक आप ऐसे मंदिर में दर्शन करने गए होंगे, जहां भगवान और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां होगीं, लेकिन अब आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, वहां पर मूर्तियों के बजाए साक्षात पशुधन (गाय और बैलों) की ही पूजा होती है. इस खास मंदिर के बारे में आपको भी जानकारी होनी चाहिए.
ये खास मंदिर तमिलनाडु में है. जहां के किसानों के लिए, थाई (तमिल महीने) की दूसरी तारीख को पैदा हुए बछड़े कई गांवों के लोगों के लिए साक्षात भगवान हैं.
गांव वाले इनका उपयोग व्यावसायिक या घरेलू उद्देश्य के लिए नहीं करते हैं. वे उन्हें अपने पारिवारिक देवता के रूप में मानते हैं. ओक्कालिगा गौडर समुदाय के लोग इस मंदिर की देखभाल करते हैं और साल भर मवेशियों को चारा खिलाते हैं.