जो साधकगण समयाभाव के चलते विस्तृत पूजा नही कर सकते उनके लिए समय पूजन विधि बताई जा रही है।
पूजन सामग्री (सामान्य पूजन के लिए )
शुद्ध जल,गंगाजल, सिन्दूर,रोली,रक्षा, कपूर,घी,दही,दूब,चीनी,पुष्प,पान,सुपारी,रूई,प्रसाद (लड्डू गणेश जी को बहुत प्रिय है)।
विधि: गणेश जी की मूर्ती सामने रखकर और श्रद्धा पूर्वक उस पर पुष्प छोड़े यदि मूर्ती न हो तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल पर स्थापित करें और आवाहन मंत्र पढकर अक्षत डालें।
ध्यान श्लोक: शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम् चतुर्भुजम् . प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोपशान्तये ..
लम्बी सूंड, बड़ी आँखें ,बड़े कान ,सुनहरा सिन्दूरी वर्ण यह ध्यान करते ही प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पवित्र स्वरुप हमारे सामने आ जाता है।सुखी व सफल जीवन के इरादों से आगे बढऩे के लिएबुद्धिदाता भगवान श्री गणेश के नाम स्मरण से ही शुरुआत शुभ मानी जाती है। जीवन में प्रसन्नता और हर छेत्र में सफलता प्राप्त करने हतु श्री गजानन महाराज के पूजन की सरलतम विधि विद्वान पंडित जी द्वारा बताई गयी है ,जो की आपके लिए प्रस्तुत है -प्रातः काल शुद्ध होकर गणेश जी के सम्मुख बैठ कर ध्यान करें और पुष्प, रोली ,अछत आदि चीजों से पूजन करें और विशेष रूप से सिन्दूर चढ़ाएं तथा दूर्बा दल (11 या 21 दूब का अंकुर )समर्पित करें|यदि संभव हो तो फल और मीठा चढ़ाएं (मीठे में गणेश जी को मूंग के लड्डू प्रिय हैं )।
अगरबत्ती और दीप जलाएं और नीचे लिखे सरल मंत्रोंका मन ही मन 11, 21 या अधिक बार जप करें :-
ॐ चतुराय नम:।
ॐ गजाननाय नम:।
ॐ विघ्नराजाय नम:।
ॐ प्रसन्नात्मने नम:।
सामान्य पूजन विधि
षोडशोपचार पूजन –
गणेश मंत्र वक्रतुंड…या अन्य स्तुति जो याद हो बोलकर ध्यान करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ध्यायामि।
आवाहन करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आवाहयामि। ॐ
आसान दें
सिद्धि विनायकाय नमः आसनं। समर्पयामि।
जल से अर्घ्य दें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि।
पैर धोने के लिये जल अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पाद्यं समर्पयामि।
आचमन के लिये जल अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः।
आचमनीयं समर्पयामि।
पुनः जल से अर्घ्य प्रदान करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि।
पंचामृत स्नान कराये
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि।
वस्त्र अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः वस्त्र युग्मं समर्पयामि।
जनेऊ अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः यज्ञोपवीतं धारयामि।
आभूषण पहनाये
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आभरणानि (आभूषण) समर्पयामि।
अष्टगंध या चंदन अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः गंधं धारयामि। ॐ
अक्षत अर्पण करें
सिद्धि विनायकाय नमः अक्षतान् समर्पयामि।
पुष्प माला अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुष्पैः पूजयामि।
अब अक्षत पुष्प चढ़ाकर प्रतिष्ठा कर दें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः प्रतिष्ठापयामि और गणेश जी के इन नामों को पढ़ते हुए अक्षत और चावल चढ़ाये।
ॐ गणपतये नमः॥
ॐ गणेश्वराय नमः॥
ॐ गणक्रीडाय नमः॥
ॐ गणनाथाय नमः॥
ॐ गणाधिपाय नमः॥
ॐ एकदंताय नमः॥
ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥
ॐ गजवक्त्राय नमः॥
ॐमदोदराय नमः॥
ॐ लम्बोदराय नमः॥
ॐ धूम्रवर्णाय नमः॥
ॐविकटाय नमः॥
ॐ विघ्ननायकाय नमः॥
ॐ सुमुखाय नमः॥
ॐ दुर्मुखाय नमः॥
ॐ बुद्धाय नमः॥
ॐविघ्नराजाय नमः॥
ॐ गजाननायनमः॥
ॐ भीमाय नमः॥
ॐ प्रमोदाय नमः ॥
ॐ आनन्दायनमः॥
ॐ सुरानन्दाय नमः॥
ॐमदोत्कटाय नमः॥
ॐहेरम्बाय नमः॥
ॐ शम्बराय नमः॥
ॐ शम्भवे नमः ॥
ॐ लम्बकर्णायनमः ॥
ॐ महाबलाय नमः॥
ॐ नन्दनाय नमः ॥
ॐ अलम्पटाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐ मेघनादायनमः ॥
ॐ गणञ्जयाय नमः ॥
ॐ विनायकाय नमः॥
ॐविरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ धीराय नमः ॥
ॐ शूरायनमः ॥
ॐ वरप्रदाय नमः ॥
ॐ महागणपतये नमः ॥
ॐ बुद्धिप्रियायनमः ॥ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः ॥ॐ रुद्रप्रियाय नमः॥
ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥
ॐ उमापुत्रायनमः ॥
ॐ अघनाशनायनमः ॥
ॐ कुमारगुरवे नमः ॥
ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥
ॐ मूषकवाहनाय नः ॥
ॐ सिद्धिप्रदाय नमः॥
ॐ सिद्धिपतयेनमः ॥
ॐ सिद्ध्यैनमः ॥
ॐ सिद्धिविनायकाय नमः॥
ॐ विघ्नाय नमः ॥
ॐ तुङ्गभुजाय नमः ॥
ॐ सिंहवाहनायनमः ॥ॐ मोहिनीप्रियाय नमः ॥
ॐ कटिंकटाय नमः ॥
ॐराजपुत्राय नमः ॥
ॐशकलाय नमः ॥
ॐ सम्मिताय नमः॥
ॐ अमिताय नमः ॥ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः॥
ॐ दुर्जयाय नमः ॥
ॐ धूर्जयाय नमः ॥
ॐ अजयाय नमः ॥
ॐभूपतये नमः ॥
ॐ भुवनेशायनमः ॥
ॐ भूतानां पतये नमः॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥
ॐविश्वमुखाय नमः ॥
ॐ विश्वरूपाय नमः ॥
ॐ निधये नमः॥
ॐ घृणये नमः ॥
ॐ कवये नमः ॥
ॐकवीनामृषभाय नमः॥
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ॥
ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः ॥
ॐ ज्येष्ठराजाय नमः ॥
ॐ निधिपतये नमः ॥
ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥
ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थायनमः ॥ॐ सूर्यमण्डलमध्यगायनमः ॥
ॐकराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥ॐपूषदन्तभृतेनमः ॥ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥
ॐ मुक्तिदाय नमः ॥
ॐ कुलपालकाय नमः ॥
ॐ किरीटिने नमः ॥
ॐ कुण्डलिने नमः॥
ॐ हारिणे नमः ॥
ॐ वनमालिने नमः ॥
ॐ मनोमयायनमः ॥ॐवैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः॥
ॐ पादाहत्याजितक्षितयेनमः ॥ॐ सद्योजाताय नमः॥
ॐ स्वर्णभुजाय नमः ॥
ॐ मेखलिन नमः ॥
ॐ दुर्निमित्तहृते नमः॥
ॐदुस्स्वप्नहृते नमः ॥
ॐ प्रहसनाय नमः ॥
ॐ गुणिनेनमः ॥
ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः ॥
ॐ सुरूपाय नमः ॥
ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः ॥
ॐ पीताम्बराय नमः ॥
ॐ खड्गधराय नमः ॥
ॐखण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥ॐचित्राङ्कश्यामदशनायनमः ॥ॐ फालचन्द्राय नमः ॥
ॐ चतुर्भुजाय नमः ॥
ॐयोगाधिपाय नमः ॥
ॐतारकस्थाय नमः ॥
ॐ पुरुषाय नमः॥
ॐ गजकर्णकाय नमः ॥ॐ गणाधिराजाय नमः ॥ॐविजयस्थिराय नमः ॥
ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ ध्वजिने नमः ॥
ॐदेवदेवायनमः ॥ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः ॥
ॐ वायुकीलकायनमः ॥ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः ॥
ॐनादाय नमः ॥
ॐ नादभिन्नवलाहकाय नमः ॥ॐ वराहवदनाय नमः॥
ॐमृत्युञ्जयाय नमः ॥
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥ॐइच्छाशक्तिधराय नमः॥
ॐ देवत्रात्रे नमः ॥
ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः ॥ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः॥ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ॥ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः ॥
ॐ शम्भुतेजसे नमः ॥ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥
ॐ गौरीसुखावहाय नमः ॥ॐ उमाङ्गमलजाय नमः ॥ॐगौरीतेजोभुवे नमः ॥
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥
ॐयज्ञकायाय नमः ॥
ॐमहानादाय नमः ॥
ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥
ॐ शुभाननाय नमः ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ॥
ॐसर्वदेवात्मने नमः ॥
ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः ॥
ॐककुप्छ्रुतये नमः ॥ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः ॥
ॐ चिद्व्योमफालाय नमः ॥ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः ॥
ॐ जगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥
ॐ अग्न्यर्कसोमदृशेनमः ॥ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥
ॐ धर्माय नमः ॥
ॐ धर्मिष्ठाय नमः ॥
ॐ सामबृंहिताय नमः ॥
ॐ ग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥
ॐ वाणीजिह्वाय नमः ॥ॐवासवनासिकाय नमः ॥
ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥
ॐ सोमार्कघण्टाय नमः ॥ॐ रुद्रशिरोधराय नमः ॥
ॐ नदीनदभुजाय नमः ॥ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥
ॐ तारकानखाय नमः ॥
ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः ॥
ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटायनमः ॥ॐ व्योमनाभाय नमः॥
ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥ॐ
ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥
ॐ अर्णवोदराय नमः ॥
ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षःकिन्नरमानुषाय नमः।।
उत्तर पूजा –
धूप दिखाये
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः धूपं आघ्रापयामि।
दीप दिखाये
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः दीपं दर्शयामि। ॐ
भोग अर्पण करें
सिद्धि विनायकाय नमः नैवेद्यं निवेदयामि।
फल अर्पण करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः फलाष्टकं समर्पयामि।
पान, लवंग, सुपारी इलायची सहित अर्पण कारण
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ताम्बूलं समर्पयामि।
कर्पूर आरती करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः कर्पूर नीराजनं समर्पयामि।
दीप आरती करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः मंगल आरतीं समर्पयामि।
पुष्पांजलि करें
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पांजलि समर्पयामि।
प्रदक्षिणा करें
यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च ।
तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे।।
प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . समस्त राजोपचारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः मंत्र पुष्पं समर्पयामि।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।
प्रार्थनां समर्पयामि।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं।
पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम।
क्षमापनं समर्पयामि।
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुनरागमनाय च।।
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पारवती,पिता महादेवा।
एक दन्त दयावंत,चार भुजा धारी।
मस्तक पर सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी।जय …….
अंधन को आँख देत,कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया। जय ……
हार चढ़े,फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा। जय …….
दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।
कामना को पूरा करो जग बलिहारी। जय …….