घर में जिस अलमारी में अपनी तिजोरी है वह अलमारी दक्षिण की तरह रखनी चाहिए। तिजोरी का मुंह उतर की तरफ खूलना चाहिए। अलमारी खोलते समय हमारा मुख दक्षिण की तरफ होना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी का घर में वास रहेगा।
दिवाली के दिन लक्ष्मी मां की पूजा उत्तर दिशा में बैठकर करनी चाहिए।
झाडू और कूड़ेदान को दक्षिण की दिशा में रखना चाहिए।
सोने और बैठने वाले बिस्तर के नीचे झाड़ू नहीं रखनी चाहिए।
अपने घर की झाडु के दर्शन किसी बाहर वाले को नहीं होने चाहिए वरना वह अपने आधे पाप हमारे घर छोड़ जाता है और हमारे आधे पुण्य ले जाता है ।
गीली झाङू को सुखा कर रखना चाहिए।
सूर्य उदय होने से पहले घर में झाड़ू और पोचा लगा लेना चाहिए । झाडू लक्ष्मी मां के छोटी बहन है यदि सूर्य उदय के बाद लगाते हैं तो एक घंटे के अंदर झाड़ू पोचा लगा लेना चाहिए।
वीरवार को छोड़कर बाकी छह दिन नमक वाला पानी का पोचा लगाना चाहिए। वीरवार को पोचा नहीं लगाना चाहिए।
नमक लक्ष्मी मां का भाई है जो समुंदर से प्रकट हुआ है।
मंगलवार शनिवार और धनतेरस को झाड़ू खरीदनी चाहिए। पुरानी झाड़ू के छोटे-छोटे टुकडे करके कहीं गड्ढे में दबा देना चाहिए।
लक्ष्मी मां कहती है कि जो मेरी छोटी बहन झाड़ू का सम्मान करता मैं उस घर में हमेशा विराजमान रहूंगी।
आरती करते समय शुद्ध कपूर अवश्य जलाना चाहिए।
जिनकी छत पर पशु पक्षियों के लिए पानी और खाने के लिए दाने रखा रहता है वहां सभी देवी देवता निवास करते हैं लेकिन दाने खुले मे नहीं बल्कि किसी बर्तन में डालने चाहिए।
प्रत्येक शनिवार को अपने घर की छत पानी से धोकर साफ करनी चाहिए। कबूतर की बीट छत पर नहीं रहनी चाहिए क्योंकि कबूतर शापित पक्षी है।