शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं? जानिए सही तरीका और भी बहुत कुछ!

सबसे पहली गणेश जी फिर कार्तिकेय , अशोक सुंदरी, मां पार्वती के हस्त- कमल के चारों  और उसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय धार टूटनी नहीं चाहिए।

शंकर जी पर तिलक लगाने का महत्व

अनामिका उंगली(रिंग फिंगर )से तिलक लगाने से शक्ति और रोग से मुक्ति प्राप्त होती है।

 मध्यमा उंगली( मिडिल फिंगर) से तिलक लगाने से आयु बढ़ती है अकाल मृत्यु टलती है।

तर्जनी (index finger) मोक्ष दायनी है। तर्जनी उँगली से तिलक लगाने से भगवान मरने के बाद विमान भेजकर अपने पास बुला लेते हैं।

इन तीनों उंगलियों  से शंकर जी की पिंडी पर त्रिकुंड बनाया जाता है।

चंदन या कुमकुम से शिवलिंग पर ॐ लिखना चाहिए।

शिवलिंग पर टूटे हुए चावल नहीं चढाने चाहिए बल्कि अक्षत चढ़ाने चाहिए अक्षत यानी साबुत चावल

अक्षत हमेशा अंगूठे और तीन उंगलियों से चढ़ाना चाहिए छोटी उंगली नहीं लगानी चाहिए

यदि किसी भी देवी देवता को फूल कैसे चढ़ाएं

और यदि किसी भी देवी देवता को फूल बेलपत्र दुर्वा  तुलसी चढाने हो तो मृग मुद्रा से चढाने चाहिए।

मृग मुद्रा यानी तर्जनी और छोटी उंगली को छोड़कर

बीच वाली दोनों उंगली को अंगूठे पर रखने पर मृग मुद्रा बनती है।

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