प्रेमानंद महाराज जी ने बताया, मृत्यु के समय इंसान के साथ क्या होता है?
अंतिम समय सुख और शांति में कटे, इसके लिए इंसान जीवन भर अपने पाप और पुण्य को बैलेंस करता रहता है.
हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज का एक वीडियो वायरल है. जिसमें उन्होंने बताया है कि मृत्यु के समय इंसान के साथ क्या होता है.
प्रवचन सुनने आए एक भक्त ने जब परमानंद महाराज से पूछा कि महाराज मृत्यु के समय मनुष्य के विचार कमाँ के अनुसार होते हैं या कुछ और?
इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मनुष्य जीवन भर जो करता है, उसी का अंतिम चिंतन उसके सामने आएगा.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मनुष्य के कर्म के अनुसार यही चिंतन अगली गति का निर्माण करेगी. इसमें भगवत कृपा का रोल अहम होता है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर आपने भगवान का आश्रय लिया है तो हो सकता है मृत्यु के समय कोई ऐसा भक्त आएगा जो आपके लिए नाम कीर्तन करने लगे.
अन्यथा प्रायः जीवन भर जो हम करते हैं, अंत में वही हमारा निर्णय बन जाता है. अंतिम समय अगर भगवान का नाम स्मरण हो जाए तो उसका कल्याण हो जाता है.
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि पूरे जीवन का प्रयास तो यही रहता है कि अंतिम समय में भगवान का नाम हो, रूप हो और ध्यान हो. यह सब इंसान के कर्मों पर निर्भर करता है.
प्रेमानंद महाराज ने ये बताया कि, घर आए साधु जब पैसा मांगें तो क्या करें?